प्रश्न –निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश का संदर्भ देते हुए उसके नीचे अंकित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
आज के अनेक आर्थिक एवं सामाजिक विधानों की हम जाँच करें तो पता चलेगा कि वे हमारी सांस्कृ चेतना के क्षीण होने के कारण युगानुकूल परिवर्तन और परिवर्धन की कमी से बनी हुई रूढ़ियाँ, परकीर साथ संघर्ष की परिस्थिति से उत्पन्न माँग को पूरा करने के लिए अपनाये गये उपाय अथवा परकीयों द्वारा गयी या उनका अनुकरण कर स्वीकार की गयी व्यवस्थाएँ मात्र हैं। भारतीय संस्कृति के नाम पर उन्हें रखा जा सकता है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) भारतीय सांस्कृतिक चेतना के कमजोर होते, का मुख्य कारण क्या है ?
(घ) युगानुरूप परिवर्तन एवं विकास नहीं होने का क्या कारण है ?
(ङ) ‘परिस्थिति’ एवं ‘सांस्कृतिक’ शब्दों में क्रमशः उपसर्ग और प्रत्यय छाँटकर लिखिए।
प्रश्न– अशोक को जो सम्मान कालिदास से मिला, वह अपूर्व था। सुन्दरियों के आसिंजनकारी नूपुर चरणों के मृदु आघात से वह फूलता था, कोमल कैपोलों पर कर्णावतंस के रूप में झूलता था और चंचल् अलकों की अचंचल शोभा को सौ गुना बढ़ा देता देतां था। वह महादेव के मन में क्षोभ पैदा करता था, पुरुषोत्तम के चित्त में सीता का भ्रम पैदा करता था और मनोजन्मा देवता के एक इशारे पर कंधे पर से उठता था
(क) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ख) रेखांकित गद्यांश की व्याख्या कीजिए।
(ग) संस्कृत के किस कवि ने अशोक को सम्मानित किया है ?
(घ) अशोक पर फूल आने के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं ?
(ङ) ‘आसिंजनकारी’ तथा ‘कर्णावतंस’ का अर्थ लिखिए ।
प्रश्न– पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
निकसि कमंडल तैं उमंडि नभ-मंडल-खंडति ।
धाई धार अपार वेग सौं वायु विहंडति ।।
भयौ घोर अति शब्द धमक सौं त्रिभुवन तरजे ।
महामेघ मिलि मनहु एक संगहिं सब गरजे ।।
(क) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ख) प्रस्तुत पद्यांश में गंगा जी कहाँ से निकलीं ?
(ग) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(घ) ‘त्रिभुवन’ शब्द में कौन-सा समास है ?
(ङ) ‘महामेघ मिलि मनहु एक संगहिं सब गरजे’ में कौन-सा अलंकार है ?
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