प्रश्न – कवि की कामना में फोरमैन के बदलते चेहरे का तात्पर्य है :
(A) बाहर की थकान और ऊब को छोड़ घर में स्नेह और कोमलता का भाव रखना।
(B) पाँच बरस की बच्ची के पिता की तरह ज़िम्मेदारी भरा व्यवहार करना।
(C) काम से उपजी थकान और ऊबे हुए मन को भूलकर प्रसन्न दिखने का नाटक करना।
(D) मंच पर आने वाले विदूषक की तरह सबको प्रसन्न करने का प्रयास करना।
सही उत्तर : (B) पाँच बरस की बच्ची के पिता की तरह ज़िम्मेदारी भरा व्यवहार करना।
‘प्रश्न – फटा पुराना जूता भी पूर्णिमा के पूरे चाँद की तरह दिखे’ पंक्ति का आशय है :
(A) फटे पुराने जूते का भी साफ-सुथरा दिखाई देना
(B) अत्यंत मामूली चीज़ों का भी सौंदर्य से परिपूर्ण दिखाई देना
(C) अत्यंत मामूली चीज़ों का भी कविता में वर्णन होना
(D) अतीत की चीज़ों का भी कविता में सुंदरतापूर्ण उल्लेख होना
सही उत्तर : (B) अत्यंत मामूली चीज़ों का भी सौंदर्य से परिपूर्ण दिखाई देना
प्रश्न– कवि किनसे नफ़रत और घृणा का बर्ताव चाहता है ?
(A) फूली हुई नसों वाले राक्षस से
(B) अपनी छोटी-बड़ी विकृतियों से
(C) वीभत्स लगने वाले दैत्यों से
(D) साबुन की तरह दिखती आत्मा से
सही उत्तर : (C) वीभत्स लगने वाले दैत्यों से
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